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هُوَ الَّذِيْ يُصَلِّيْ عَلَيْكُمْ وَمَلٰۤىِٕكَتُهٗ لِيُخْرِجَكُمْ مِّنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَكَانَ بِالْمُؤْمِنِيْنَ رَحِيْمًا   ( الأحزاب: ٤٣ )

He
هُوَ
वो ही है
(is) the One Who
ٱلَّذِى
जो
sends His blessings
يُصَلِّى
रहमत भेजता है
upon you
عَلَيْكُمْ
तुम पर
and His Angels
وَمَلَٰٓئِكَتُهُۥ
और उसके फ़रिश्ते(दुआ करते हैं)
so that He may bring you out
لِيُخْرِجَكُم
ताकि वो निकाले तुम्हें
from
مِّنَ
अंधेरों से
the darkness[es]
ٱلظُّلُمَٰتِ
अंधेरों से
to
إِلَى
तरफ़ रौशनी के
the light
ٱلنُّورِۚ
तरफ़ रौशनी के
And He is
وَكَانَ
और है वो
to the believers
بِٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों पर
Merciful
رَحِيمًا
ख़ूब रहम फ़रमाने वाला

Huwa allathee yusallee 'alaykum wamalaikatuhu liyukhrijakum mina alththulumati ila alnnoori wakana bialmumineena raheeman (al-ʾAḥzāb 33:43)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही है जो तुमपर रहमत भेजता है और उसके फ़रिश्ते भी (दुआएँ करते है) - ताकि वह तुम्हें अँधरों से प्रकाश की ओर निकाल लाए। वास्तव में, वह ईमानवालों पर बहुत दयालु है

English Sahih:

It is He who confers blessing upon you, and His angels [ask Him to do so] that He may bring you out from darknesses into the light. And ever is He, to the believers, Merciful. ([33] Al-Ahzab : 43)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वह वही तो है जो खुद तुमपर दूरूद (दर्दों रहमत) भेजता है और उसके फ़रिश्ते ताकि तुमको (कुफ़्र की) तारीक़ियों से निकालकर (ईमान की) रौशनी में ले जाए और खुदा ईमानवालों पर बड़ा मेहरबान है