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۞ لَىِٕنْ لَّمْ يَنْتَهِ الْمُنٰفِقُوْنَ وَالَّذِيْنَ فِيْ قُلُوْبِهِمْ مَّرَضٌ وَّالْمُرْجِفُوْنَ فِى الْمَدِيْنَةِ لَنُغْرِيَنَّكَ بِهِمْ ثُمَّ لَا يُجَاوِرُوْنَكَ فِيْهَآ اِلَّا قَلِيْلًا   ( الأحزاب: ٦٠ )

If
لَّئِن
अलबत्ता अगर
(do) not
لَّمْ
ना
cease
يَنتَهِ
बाज़ आए
the hypocrites
ٱلْمُنَٰفِقُونَ
मुनाफ़िक़
and those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जो
in
فِى
दिलों में उनके
their hearts
قُلُوبِهِم
दिलों में उनके
(is) a disease
مَّرَضٌ
मर्ज़ है
and those who spread rumors
وَٱلْمُرْجِفُونَ
और झूठी ख़बरें उड़ाने वाले
in
فِى
मदीने में
the city
ٱلْمَدِينَةِ
मदीने में
We will let you overpower them
لَنُغْرِيَنَّكَ
अलबत्ता हम ज़रूर मुसल्लत कर देंगे आपको
We will let you overpower them
بِهِمْ
उन पर
then
ثُمَّ
फिर
not
لَا
ना वो हमसाए रहेंगे आपके
they will remain your neighbors
يُجَاوِرُونَكَ
ना वो हमसाए रहेंगे आपके
therein
فِيهَآ
उसमें
except
إِلَّا
मगर
(for) a little
قَلِيلًا
बहुत थोड़ा

Lain lam yantahi almunafiqoona waallatheena fee quloobihim maradun waalmurjifoona fee almadeenati lanughriyannaka bihim thumma la yujawiroonaka feeha illa qaleelan (al-ʾAḥzāb 33:60)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि कपटाचारी और वे लोग जिनके दिलों में रोग है और मदीना में खलबली पैदा करनेवाली अफ़वाहें फैलाने से बाज़ न आएँ तो हम तुम्हें उनके विरुद्ध उभार खड़ा करेंगे। फिर वे उसमें तुम्हारे साथ थोड़ा ही रहने पाएँगे,

English Sahih:

If the hypocrites and those in whose hearts is disease and those who spread rumors in al-Madinah do not cease, We will surely incite you against them; then they will not remain your neighbors therein except for a little, ([33] Al-Ahzab : 60)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ रसूल मुनाफेक़ीन और वह लोग जिनके दिलों में (कुफ़्र का) मर्ज़ है और जो लोग मदीने में बुरी ख़बरें उड़ाया करते हैं- अगर ये लोग (अपनी शरारतों से) बाज़ न आएंगें तो हम तुम ही को (एक न एक दिन) उन पर मुसल्लत कर देगें फिर वह तुम्हारे पड़ोस में चन्द रोज़ों के सिवा ठहरने (ही) न पाएँगे