يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اذْكُرُوْا نِعْمَةَ اللّٰهِ عَلَيْكُمْ اِذْ جَاۤءَتْكُمْ جُنُوْدٌ فَاَرْسَلْنَا عَلَيْهِمْ رِيْحًا وَّجُنُوْدًا لَّمْ تَرَوْهَا ۗوَكَانَ اللّٰهُ بِمَا تَعْمَلُوْنَ بَصِيْرًاۚ ( الأحزاب: ٩ )
Ya ayyuha allatheena amanoo othkuroo ni'mata Allahi 'alaykum ith jaatkum junoodun faarsalna 'alayhim reehan wajunoodan lam tarawha wakana Allahu bima ta'maloona baseeran (al-ʾAḥzāb 33:9)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह की उस अनुकम्पा को याद करो जो तुमपर हुई; जबकि सेनाएँ तुमपर चढ़ आई तो हमने उनपर एक हवा भेज दी और ऐसी सेनाएँ भी, जिनको तुमने देखा नहीं। और अल्लाह वह सब कुछ देखता है जो तुम करते हो
English Sahih:
O you who have believed, remember the favor of Allah upon you when armies came to [attack] you and We sent upon them a wind and armies [of angels] you did not see. And ever is Allah, of what you do, Seeing. ([33] Al-Ahzab : 9)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(ऐ ईमानदारों खुदा की) उन नेअमतों को याद करो जो उसने तुम पर नाज़िल की हैं (जंगे खन्दक में) जब तुम पर (काफिरों का) लशकर (उमड़ के) आ पड़ा तो (हमने तुम्हारी मदद की) उन पर ऑंधी भेजी और (इसके अलावा फरिश्तों का ऐसा लश्कर भेजा) जिसको तुमने देखा तक नहीं और तुम जो कुछ कर रहे थे खुदा उसे खूब देख रहा था