وَلِسُلَيْمٰنَ الرِّيْحَ غُدُوُّهَا شَهْرٌ وَّرَوَاحُهَا شَهْرٌۚ وَاَسَلْنَا لَهٗ عَيْنَ الْقِطْرِۗ وَمِنَ الْجِنِّ مَنْ يَّعْمَلُ بَيْنَ يَدَيْهِ بِاِذْنِ رَبِّهٖۗ وَمَنْ يَّزِغْ مِنْهُمْ عَنْ اَمْرِنَا نُذِقْهُ مِنْ عَذَابِ السَّعِيْرِ ( سبإ: ١٢ )
Walisulaymana alrreeha ghuduwwuha shahrun warawahuha shahrun waasalna lahu 'ayna alqitri wamina aljinni man ya'malu bayna yadayhi biithni rabbihi waman yazigh minhum 'an amrina nuthiqhu min 'athabi alssa'eeri (Sabaʾ 34:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और सुलैमान के लिए वायु को वशीभुत कर दिया था। प्रातः समय उसका चलना एक महीने की राह तक और सायंकाल को उसका चलना एक महीने की राह तक - और हमने उसके लिए पिघले हुए ताँबे का स्रोत बहा दिया - और जिन्नों में से भी कुछ को (उसके वशीभूत कर दिया था,) जो अपने रब की अनुज्ञा से उसके आगे काम करते थे। (हमारा आदेशा था,) 'उनमें से जो हमारे हुक्म से फिरेगा उसे हम भडकती आग का मज़ा चखाएँगे।'
English Sahih:
And to Solomon [We subjected] the wind – its morning [journey was that of] a month – and its afternoon [journey was that of] a month, and We made flow for him a spring of [liquid] copper. And among the jinn were those who worked for him by the permission of his Lord. And whoever deviated among them from Our command – We will make him taste of the punishment of the Blaze. ([34] Saba : 12)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हवा को सुलेमान का (ताबेइदार बना दिया था) कि उसकी सुबह की रफ्तार एक महीने (मुसाफ़त) की थी और इसी तरह उसकी शाम की रफ्तार एक महीने (के मुसाफत) की थी और हमने उनके लिए तांबे (को पिघलाकर) उसका चश्मा जारी कर दिया था और जिन्नात (को उनका ताबेदार कर दिया था कि उन) में कुछ लोग उनके परवरदिगार के हुक्म से उनके सामने काम काज करते थे और उनमें से जिसने हमारे हुक्म से इनहराफ़ किया है उसे हम (क़यामत में) जहन्नुम के अज़ाब का मज़ा चख़ाँएगे