قُلْ اِنَّ رَبِّيْ يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَّشَاۤءُ وَيَقْدِرُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُوْنَ ࣖ ( سبإ: ٣٦ )
Say
قُلْ
कह दीजिए
"Indeed
إِنَّ
बेशक
my Lord
رَبِّى
रब मेरा
extends
يَبْسُطُ
वो फैलाता है
the provision
ٱلرِّزْقَ
रिज़्क़ को
for whom
لِمَن
जिसके लिए
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
and restricts
وَيَقْدِرُ
और वो तंग कर देता है
but
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
most
أَكْثَرَ
अक्सर
[the] people
ٱلنَّاسِ
लोग
(do) not
لَا
नहीं वो जानते
know"
يَعْلَمُونَ
नहीं वो जानते
Qul inna rabbee yabsutu alrrizqa liman yashao wayaqdiru walakinna akthara alnnasi la ya'lamoona (Sabaʾ 34:36)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
कहो, 'निस्संदेह मेरा रब जिसके लिए चाहता है रोज़ी कुशादा कर देता है और जिसे चाहता है नपी-तुली देता है। किन्तु अधिकांश लोग जानते नहीं।'
English Sahih:
Say, "Indeed, my Lord extends provision for whom He wills and restricts [it], but most of the people do not know." ([34] Saba : 36)