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يُوْلِجُ الَّيْلَ فِى النَّهَارِ وَيُوْلِجُ النَّهَارَ فِى الَّيْلِۚ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَ كُلٌّ يَّجْرِيْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ ذٰلِكُمُ اللّٰهُ رَبُّكُمْ لَهُ الْمُلْكُۗ وَالَّذِيْنَ تَدْعُوْنَ مِنْ دُوْنِهٖ مَا يَمْلِكُوْنَ مِنْ قِطْمِيْرٍۗ   ( فاطر: ١٣ )

He causes to enter
يُولِجُ
वो दाख़िल करता है
the night
ٱلَّيْلَ
रात को
in (to)
فِى
दिन में
the day
ٱلنَّهَارِ
दिन में
and He causes to enter
وَيُولِجُ
और वो दाख़िल करता है
the day
ٱلنَّهَارَ
दिन को
in (to)
فِى
रात में
the night
ٱلَّيْلِ
रात में
and He has subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्खर किया
the sun
ٱلشَّمْسَ
सूरज
and the moon
وَٱلْقَمَرَ
और चाँद को
each
كُلٌّ
हर एक
running
يَجْرِى
चल रहा है
for a term
لِأَجَلٍ
एक वक़्त तक
appointed
مُّسَمًّىۚ
जो मुक़र्रर है
That (is)
ذَٰلِكُمُ
ये है
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
your Lord
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
for Him
لَهُ
उसी के लिए है
(is) the Dominion
ٱلْمُلْكُۚ
बादशाहत
And those whom
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्हें
you invoke
تَدْعُونَ
तुम पुकारते हो
besides Him
مِن
उस के सिवा
besides Him
دُونِهِۦ
उस के सिवा
not
مَا
नहीं
they possess
يَمْلِكُونَ
वो मालिक हो सकते
even
مِن
खजूर की गुठली के छिल्के के भी
(as much as) the membrane of a date-seed
قِطْمِيرٍ
खजूर की गुठली के छिल्के के भी

Yooliju allayla fee alnnahari wayooliju alnnahara fee allayli wasakhkhara alshshamsa waalqamara kullun yajree liajalin musamman thalikumu Allahu rabbukum lahu almulku waallatheena tad'oona min doonihi ma yamlikoona min qitmeerin (Fāṭir 35:13)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वह रात को दिन में प्रविष्ट करता है और दिन को रात में प्रविष्ट करता हैं। उसने सूर्य और चन्द्रमा को काम में लगा रखा है। प्रत्येक एक नियत समय पूरी करने के लिए चल रहा है। वही अल्लाह तुम्हारा रब है। उसी की बादशाही है। उससे हटकर जिनको तुम पुकारते हो वे एक तिनके के भी मालिक नहीं

English Sahih:

He causes the night to enter the day, and He causes the day to enter the night and has subjected the sun and the moon – each running [its course] for a specified term. That is Allah, your Lord; to Him belongs sovereignty. And those whom you invoke other than Him do not possess [as much as] the membrane of a date seed. ([35] Fatir : 13)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

वही रात को (बढ़ा के) दिन में दाख़िल करता है (तो रात बढ़ जाती है) और वही दिन को (बढ़ा के) रात में दाख़िल करता है (तो दिन बढ़ जाता है और) उसी ने सूरज और चाँद को अपना मुतीइ बना रखा है कि हर एक अपने (अपने) मुअय्यन (तय) वक्त पर चला करता है वही खुदा तुम्हारा परवरदिगार है उसी की सलतनत है और उसे छोड़कर जिन माबूदों को तुम पुकारते हो वह छुवारों की गुठली की झिल्ली के बराबर भी तो इख़तेयार नहीं रखते