وَهُمْ يَصْطَرِخُوْنَ فِيْهَاۚ رَبَّنَآ اَخْرِجْنَا نَعْمَلْ صَالِحًا غَيْرَ الَّذِيْ كُنَّا نَعْمَلُۗ اَوَلَمْ نُعَمِّرْكُمْ مَّا يَتَذَكَّرُ فِيْهِ مَنْ تَذَكَّرَ وَجَاۤءَكُمُ النَّذِيْرُۗ فَذُوْقُوْا فَمَا لِلظّٰلِمِيْنَ مِنْ نَّصِيْرٍ ( فاطر: ٣٧ )
Wahum yastarikhoona feeha rabbana akhrijna na'mal salihan ghayra allathee kunna na'malu awalam nu'ammirkum ma yatathakkaru feehi man tathakkara wajaakumu alnnatheeru fathooqoo fama lilththalimeena min naseerin (Fāṭir 35:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वे वहाँ चिल्लाएँगे कि 'ऐ हमारे रब! हमें निकाल ले। हम अच्छा कर्म करेंगे, उससे भिन्न जो हम करते रहे।' 'क्या हमने तुम्हें इतनी आयु नहीं दी कि जिसमें कोई होश में आना चाहता तो होश में आ जाता? और तुम्हारे पास सचेतकर्ता भी आया था, तो अब मज़ा चखते रहो! ज़ालिमोंं को कोई सहायक नहीं!'
English Sahih:
And they will cry out therein, "Our Lord, remove us; we will do righteousness – other than what we were doing!" But did We not grant you life enough for whoever would remember therein to remember, and the warner had come to you? So taste [the punishment], for there is not for the wrongdoers any helper. ([35] Fatir : 37)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ये लोग दोजख़ में (पड़े) चिल्लाया करेगें कि परवरदिगार अब हमको (यहाँ से) निकाल दे तो जो कुछ हम करते थे उसे छोड़कर नेक काम करेंगे (तो ख़ुदा जवाब देगा कि) क्या हमने तुम्हें इतनी उम्रें न दी थी कि जिनमें जिसको जो कुछ सोंचना समझना (मंज़ूर) हो खूब सोच समझ ले और (उसके अलावा) तुम्हारे पास (हमारा) डराने वाला (पैग़म्बर) भी पहुँच गया था तो (अपने किए का मज़ा) चखो क्योंकि सरकश लोगों का कोई मद्दगार नहीं