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وَالَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَهُمْ نَارُ جَهَنَّمَۚ لَا يُقْضٰى عَلَيْهِمْ فَيَمُوْتُوْا وَلَا يُخَفَّفُ عَنْهُمْ مِّنْ عَذَابِهَاۗ كَذٰلِكَ نَجْزِيْ كُلَّ كَفُوْرٍ ۚ  ( فاطر: ٣٦ )

And those who
وَٱلَّذِينَ
और वो जिन्होंने
disbelieve
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
for them
لَهُمْ
उनके लिए
(will be the) Fire
نَارُ
आग है
(of) Hell
جَهَنَّمَ
जहन्नम की
Not
لَا
ना काम तमाम किया जाएगा
is decreed
يُقْضَىٰ
ना काम तमाम किया जाएगा
for them
عَلَيْهِمْ
उनका
that they die
فَيَمُوتُوا۟
कि वो मर जाऐं
and not
وَلَا
और ना
will be lightened
يُخَفَّفُ
हल्का किया जाएगा
for them
عَنْهُم
उनसे
of
مِّنْ
उसके अज़ाब में से
its torment
عَذَابِهَاۚ
उसके अज़ाब में से
Thus
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
We recompense
نَجْزِى
हम बदला देते हैं
every
كُلَّ
हर
ungrateful one
كَفُورٍ
नाशुक्रे को

Waallatheena kafaroo lahum naru jahannama la yuqda 'alayhim fayamootoo wala yukhaffafu 'anhum min 'athabiha kathalika najzee kulla kafoorin (Fāṭir 35:36)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

रहे वे लोग जिन्होंने इनकार किया, उनके लिए जहन्नम की आग है, न उनका काम तमाम किया जाएगा कि मर जाएँ और न उनसे उसकी यातना ही कुछ हल्की की जाएगी। हम ऐसा ही बदला प्रत्येक अकृतज्ञ को देते है

English Sahih:

And for those who disbelieve will be the fire of Hell. [Death] is not decreed for them so they may die, nor will its torment be lightened for them. Thus do We recompense every ungrateful one. ([35] Fatir : 36)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो लोग काफिर हो बैठे उनके लिए जहन्नुम की आग है न उनकी कज़ा ही आएगी कि वह मर जाए और तकलीफ से नजात मिले और न उनसे उनके अज़ाब ही में तख़फीफ की जाएगी हम हर नाशुक्रे की सज़ा यूँ ही किया करते हैं