وَاَقْسَمُوْا بِاللّٰهِ جَهْدَ اَيْمَانِهِمْ لَىِٕنْ جَاۤءَهُمْ نَذِيْرٌ لَّيَكُوْنُنَّ اَهْدٰى مِنْ اِحْدَى الْاُمَمِۚ فَلَمَّا جَاۤءَهُمْ نَذِيْرٌ مَّا زَادَهُمْ اِلَّا نُفُوْرًاۙ ( فاطر: ٤٢ )
Waaqsamoo biAllahi jahda aymanihim lain jaahum natheerun layakoonunna ahda min ihda alomami falamma jaahum natheerun ma zadahum illa nufooran (Fāṭir 35:42)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उन्होंने अल्लाह की कड़ी-कड़ी क़समें खाई थी कि यदि उनके पास कोई सचेतकर्ता आए तो वे समुदायों में से प्रत्येक से बढ़कर सीधे मार्ग पर होंगे। किन्तु जब उनके पास एक सचेतकर्ता आ गया तो इस चीज़ ने धरती में उनके घमंड और बुरी चालों के कारण उनकी नफ़रत ही में अभिवृद्धि की,
English Sahih:
And they swore by Allah their strongest oaths that if a warner came to them, they would be more guided than [any] one of the [previous] nations. But when a warner came to them, it did not increase them except in aversion ([35] Fatir : 42)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और ये लोग तो खुदा की बड़ी-बड़ी सख्त क़समें खा (कर कहते) थे कि बेशक अगर उनके पास कोई डराने वाला (पैग़म्बर) आएगा तो वह ज़रूर हर एक उम्मत से ज्यादा रूबसह होंगे फिर जब उनके पास डराने वाला (रसूल) आ पहुँचा तो (उन लोगों को) रूए ज़मीन में सरकशी और बुरी-बुरी तद्बीरें करने की वजह से