فَلَا يَحْزُنْكَ قَوْلُهُمْ ۘاِنَّا نَعْلَمُ مَا يُسِرُّوْنَ وَمَا يُعْلِنُوْنَ ( يس: ٧٦ )
So (let) not
فَلَا
पस ना
grieve you
يَحْزُنكَ
ग़मगीन करे आपको
their speech
قَوْلُهُمْۘ
बात उनकी
Indeed We
إِنَّا
बेशक हम
[We] know
نَعْلَمُ
हम जानते हैं
what
مَا
जो कुछ
they conceal
يُسِرُّونَ
वो छुपाते हैं
and what
وَمَا
और जो कुछ
they declare
يُعْلِنُونَ
वो ज़ाहिर करते हैं
Fala yahzunka qawluhum inna na'lamu ma yusirroona wama yu'linoona (Yāʾ Sīn 36:76)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अतः उनकी बात तुम्हें शोकाकुल न करे। हम जानते है जो कुछ वे छिपाते और जो कुछ व्यक्त करते है
English Sahih:
So let not their speech grieve you. Indeed, We know what they conceal and what they declare. ([36] Ya-Sin : 76)