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اَمْ نَجْعَلُ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ كَالْمُفْسِدِيْنَ فِى الْاَرْضِۖ اَمْ نَجْعَلُ الْمُتَّقِيْنَ كَالْفُجَّارِ  ( ص: ٢٨ )

Or
أَمْ
क्या
should We treat
نَجْعَلُ
हम कर देंगे
those who
ٱلَّذِينَ
उन्हें जो
believe
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
and do
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
righteous deeds
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
like those who spread corruption
كَٱلْمُفْسِدِينَ
फ़साद करने वालों की तरह
in
فِى
ज़मीन में
the earth?
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
Or
أَمْ
या
should We treat
نَجْعَلُ
हम कर देंगे
the pious
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोगों को
like the wicked?
كَٱلْفُجَّارِ
बदकारों की तरह

Am naj'alu allatheena amanoo wa'amiloo alssalihati kaalmufsideena fee alardi am naj'alu almuttaqeena kaalfujjari (Ṣād 38:28)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

(क्या हम उनको जो समझते है कि जगत की संरचना व्यर्थ नहीं है, उनके समान कर देंगे जो जगत को निरर्थक मानते है।) या हम उन लोगों को जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, उनके समान कर देंगे जो धरती में बिगाड़ पैदा करते है; या डर रखनेवालों को हम दुराचारियों जैसा कर देंगे?

English Sahih:

Or should We treat those who believe and do righteous deeds like corrupters in the land? Or should We treat those who fear Allah like the wicked? ([38] Sad : 28)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या जिन लोगों ने ईमान कुबूल किया और अच्छे-अच्छे काम किए उनको हम (उन लोगों के बराबर) कर दें जो रूए ज़मीन में फसाद फैलाया करते हैं या हम परहेज़गारों को मिसल बदकारों के बना दें