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اَؤُنْزِلَ عَلَيْهِ الذِّكْرُ مِنْۢ بَيْنِنَا ۗبَلْ هُمْ فِيْ شَكٍّ مِّنْ ذِكْرِيْۚ بَلْ لَّمَّا يَذُوْقُوْا عَذَابِ ۗ  ( ص: ٨ )

Has been revealed
أَءُنزِلَ
क्या नाज़िल की गई
to him
عَلَيْهِ
उस पर
the Message
ٱلذِّكْرُ
नसीहत
from
مِنۢ
हमारे दर्मियान से
among us?"
بَيْنِنَاۚ
हमारे दर्मियान से
Nay
بَلْ
बल्कि
They
هُمْ
वो
(are) in
فِى
शक में हैं
doubt
شَكٍّ
शक में हैं
about
مِّن
मेरी नसीहत से
My Message
ذِكْرِىۖ
मेरी नसीहत से
Nay
بَل
बल्कि
not
لَّمَّا
अभी तक नहीं
they have tasted
يَذُوقُوا۟
उन्होंने चखा
My punishment
عَذَابِ
अज़ाब मेरा

Aonzila 'alayhi alththikru min baynina bal hum fee shakkin min thikree bal lamma yathooqoo 'athabi (Ṣād 38:8)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या हम सबमें से (चुनकर) इसी पर अनुस्मृति अवतरित हुई है?' नहीं, बल्कि वे मेरी अनुस्मृति के विषय में संदेह में है, बल्कि उन्होंने अभी तक मेरी यातना का मज़ा चखा ही नहीं है

English Sahih:

Has the message been revealed to him out of [all of] us?" Rather, they are in doubt about My message. Rather, they have not yet tasted My punishment. ([38] Sad : 8)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

क्या हम सब लोगों में बस (मोहम्मद ही क़ाबिल था कि) उस पर कुरान नाज़िल हुआ, नहीं बात ये है कि इनके (सिरे से) मेरे कलाम ही में शक है कि मेरा है या नहीं बल्कि असल ये है कि इन लोगों ने अभी तक अज़ाब के मज़े नहीं चखे