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وَبَدَا لَهُمْ سَيِّاٰتُ مَا كَسَبُوْا وَحَاقَ بِهِمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ  ( الزمر: ٤٨ )

And will become apparent
وَبَدَا
और ज़ाहिर हो जाऐंगी
to them
لَهُمْ
उनके लिए
(the) evils
سَيِّـَٔاتُ
बुराइयाँ
(of) what
مَا
उन (आमाल)की जो
they earned
كَسَبُوا۟
उन्होंने कमाए
and will surround
وَحَاقَ
और घेर लेगा
them
بِهِم
उन्हें
what
مَّا
वो जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
[in it]
بِهِۦ
उसका
mock
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Wabada lahum sayyiatu ma kasaboo wahaqa bihim ma kanoo bihi yastahzioona (az-Zumar 39:48)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो कुछ उन्होंने कमाया उसकी बुराइयाँ उनपर प्रकट हो जाएँगी। और वही चीज़ उन्हें घेर लेगी जिसकी वे हँसी उड़ाया करते थे

English Sahih:

And there will appear to them the evils they had earned, and they will be enveloped by what they used to ridicule. ([39] Az-Zumar : 48)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जो बदकिरदारियाँ उन लोगों ने की थीं (वह सब) उनके सामने खुल जाएँगीं और जिस (अज़ाब) पर यह लोग क़हक़हे लगाते थे वह उन्हें घेरेगा