Skip to main content

خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ بِالْحَقِّۚ يُكَوِّرُ الَّيْلَ عَلَى النَّهَارِ وَيُكَوِّرُ النَّهَارَ عَلَى الَّيْلِ وَسَخَّرَ الشَّمْسَ وَالْقَمَرَۗ كُلٌّ يَّجْرِيْ لِاَجَلٍ مُّسَمًّىۗ اَلَا هُوَ الْعَزِيْزُ الْغَفَّارُ  ( الزمر: ٥ )

He created
خَلَقَ
उसने पैदा किया
the heavens
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
and the earth
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
in [the] truth
بِٱلْحَقِّۖ
साथ हक़ के
He wraps
يُكَوِّرُ
वो लपेटता है
the night
ٱلَّيْلَ
रात को
over
عَلَى
दिन पर
the day
ٱلنَّهَارِ
दिन पर
and wraps
وَيُكَوِّرُ
और वो लपेटता है
the day
ٱلنَّهَارَ
दिन को
over
عَلَى
रात पर
the night
ٱلَّيْلِۖ
रात पर
And He subjected
وَسَخَّرَ
और उसने मुसख़्खर कर रखा है
the sun
ٱلشَّمْسَ
सूरज
and the moon
وَٱلْقَمَرَۖ
और चाँद को
each
كُلٌّ
हर एक
running
يَجْرِى
चल रहा है
for a term
لِأَجَلٍ
एक वक़्त के लिए
specified
مُّسَمًّىۗ
मुक़र्रर
Unquestionably
أَلَا
ख़बरदार
He
هُوَ
वो ही है
(is) the All-Mighty
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त
the Oft-Forgiving
ٱلْغَفَّٰرُ
बहुत बख़्शिश फ़रमाने वाला

Khalaqa alssamawati waalarda bialhaqqi yukawwiru allayla 'ala alnnahari wayukawwiru alnnahara 'ala allayli wasakhkhara alshshamsa waalqamara kullun yajree liajalin musamman ala huwa al'azeezu alghaffaru (az-Zumar 39:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उसने आकाशों और धरती को सत्य के साथ पैदा किया। रात को दिन पर लपेटता है और दिन को रात पर लपेटता है। और उसने सूर्य और चन्द्रमा को वशीभुत कर रखा है। प्रत्येक एक नियत समय को पूरा करने के लिए चल रहा है। जान रखो, वही प्रभुत्वशाली, बड़ा क्षमाशील है

English Sahih:

He created the heavens and earth in truth. He wraps the night over the day and wraps the day over the night and has subjected the sun and the moon, each running [its course] for a specified term. Unquestionably, He is the Exalted in Might, the Perpetual Forgiver. ([39] Az-Zumar : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उसी ने सारे आसमान और ज़मीन को बजा (दुरूस्त) पैदा किया वही रात को दिन पर ऊपर तले लपेटता है और वही दिन को रात पर तह ब तह लपेटता है और उसी ने आफताब और महताब को अपने बस में कर लिया है कि ये सबके सब अपने (अपने) मुक़रर्र वक्त चलते रहेगें आगाह रहो कि वही ग़ालिब बड़ा बख्शने वाला है