وَقَدْ نَزَّلَ عَلَيْكُمْ فِى الْكِتٰبِ اَنْ اِذَا سَمِعْتُمْ اٰيٰتِ اللّٰهِ يُكْفَرُ بِهَا وَيُسْتَهْزَاُ بِهَا فَلَا تَقْعُدُوْا مَعَهُمْ حَتّٰى يَخُوْضُوْا فِيْ حَدِيْثٍ غَيْرِهٖٓ ۖ اِنَّكُمْ اِذًا مِّثْلُهُمْ ۗ اِنَّ اللّٰهَ جَامِعُ الْمُنٰفِقِيْنَ وَالْكٰفِرِيْنَ فِيْ جَهَنَّمَ جَمِيْعًاۙ ( النساء: ١٤٠ )
Waqad nazzala 'alaykum fee alkitabi an itha sami'tum ayati Allahi yukfaru biha wayustahzao biha fala taq'udoo ma'ahum hatta yakhoodoo fee hadeethin ghayrihi innakum ithan mithluhum inna Allaha jami'u almunafiqeena waalkafireena fee jahannama jamee'an (an-Nisāʾ 4:140)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वह 'किताब' में तुमपर यह हुक्म उतार चुका है कि जब तुम सुनो कि अल्लाह की आयतों का इनकार किया जा रहा है और उसका उपहास किया जा रहा है, तो जब तब वे किसी दूसरी बात में न लगा जाएँ, उनके साथ न बैठो, अन्यथा तुम भी उन्हीं के जैसे होगे; निश्चय ही अल्लाह कपटाचारियों और इनकार करनेवालों - सबको जहन्नम में एकत्र करनेवाला है
English Sahih:
And it has already come down to you in the Book [i.e., the Quran] that when you hear the verses of Allah [recited], they are denied [by them] and ridiculed; so do not sit with them until they enter into another conversation. Indeed, you would then be like them. Indeed, Allah will gather the hypocrites and disbelievers in Hell all together – ([4] An-Nisa : 140)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(मुसलमानों) हालॉकि ख़ुदा तुम पर अपनी किताब कुरान में ये हुक्म नाज़िल कर चुका है कि जब तुम सुन लो कि ख़ुदा की आयतों से ईन्कार किया जाता है और उससे मसख़रापन किया जाता है तो तुम उन (कुफ्फ़ार) के साथ मत बैठो यहॉ तक कि वह किसी दूसरी बात में ग़ौर करने लगें वरना तुम भी उस वक्त उनके बराबर हो जाओगे उसमें तो शक ही नहीं कि ख़ुदा तमाम मुनाफ़िक़ों और काफ़िरों को (एक न एक दिन) जहन्नुम में जमा ही करेगा