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اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْنَ اُوْتُوْا نَصِيْبًا مِّنَ الْكِتٰبِ يَشْتَرُوْنَ الضَّلٰلَةَ وَيُرِيْدُوْنَ اَنْ تَضِلُّوا السَّبِيْلَۗ  ( النساء: ٤٤ )

Did not
أَلَمْ
क्या नहीं
you see
تَرَ
आपने देखा
[towards]
إِلَى
तरफ़ उनके जो
those who
ٱلَّذِينَ
तरफ़ उनके जो
were given
أُوتُوا۟
दिए गए
a portion
نَصِيبًا
एक हिस्सा
of
مِّنَ
किताब में से
the Book
ٱلْكِتَٰبِ
किताब में से
purchasing
يَشْتَرُونَ
वो ख़रीदते हैं
[the] error
ٱلضَّلَٰلَةَ
गुमराही को
and wishing
وَيُرِيدُونَ
और वो चाहते है
that
أَن
कि
you stray
تَضِلُّوا۟
तुम भटक जाओ
(from) the way?
ٱلسَّبِيلَ
रास्ते से

Alam tara ila allatheena ootoo naseeban mina alkitabi yashtaroona alddalalata wayureedoona an tadilloo alssabeela (an-Nisāʾ 4:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा, जिन्हें सौभाग्य प्रदान हुआ था अर्थात किताब दी गई थी? वे पथभ्रष्टता के खरीदार बने हुए है और चाहते है कि तुम भी रास्ते से भटक जाओ

English Sahih:

Have you not seen those who were given a portion of the Scripture, purchasing error [in exchange for it] and wishing you would lose the way? ([4] An-Nisa : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ रसूल) क्या तूमने उन लोगों के हाल पर नज़र नहीं की जिन्हें किताबे ख़ुदा का कुछ हिस्सा दिया गया था (मगर) वह लोग (हिदायत के बदले) गुमराही ख़रीदने लगे उनकी ऐन मुराद यह है कि तुम भी राहे रास्त से बहक जाओ