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وَقَالَ الَّذِيْٓ اٰمَنَ يٰقَوْمِ اِنِّيْٓ اَخَافُ عَلَيْكُمْ مِّثْلَ يَوْمِ الْاَحْزَابِۙ   ( غافر: ٣٠ )

And said
وَقَالَ
और कहा उसने
(he) who
ٱلَّذِىٓ
जो
believed
ءَامَنَ
ईमान लाया
"O my people!
يَٰقَوْمِ
ऐ मेरी क़ौम
Indeed I
إِنِّىٓ
बेशक मैं
[I] fear
أَخَافُ
मैं डरता हूँ
for you
عَلَيْكُم
तुम पर
like
مِّثْلَ
मानिन्द
(the) day
يَوْمِ
दिन के
(of) the companies
ٱلْأَحْزَابِ
(गुज़िश्ता) गिरोहों के

Waqala allathee amana ya qawmi innee akhafu 'alaykum mithla yawmi alahzabi (Ghāfir 40:30)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उस व्यक्ति ने, जो ईमान ला चुका था, कहा, 'ऐ मेरी क़ौम के लोगो! मुझे भय है कि तुमपर (विनाश का) ऐसा दिन न आ पड़े, जैसा दूसरे विगत समुदायों पर आ पड़ा था।

English Sahih:

And he who believed said, "O my people, indeed I fear for you [a fate] like the day of the companies – ([40] Ghafir : 30)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो जो शख्स (दर पर्दा) ईमान ला चुका था कहने लगा, भाईयों मुझे तो तुम्हारी निस्बत भी और उम्मतों की तरह रोज़ (बद) का अन्देशा है