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فَاصْبِرْ اِنَّ وَعْدَ اللّٰهِ حَقٌّ ۚفَاِمَّا نُرِيَنَّكَ بَعْضَ الَّذِيْ نَعِدُهُمْ اَوْ نَتَوَفَّيَنَّكَ فَاِلَيْنَا يُرْجَعُوْنَ  ( غافر: ٧٧ )

So be patient;
فَٱصْبِرْ
पस सब्र कीजिए
indeed
إِنَّ
बेशक
(the) Promise
وَعْدَ
वादा
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह का
(is) true
حَقٌّۚ
सच्चा है
And whether
فَإِمَّا
फिर अगर
We show you
نُرِيَنَّكَ
हम दिखाऐं आपको
some
بَعْضَ
बाज़
(of) what
ٱلَّذِى
वो चीज़ जो
We have promised them
نَعِدُهُمْ
हम वादा करते हैं उनसे
or
أَوْ
या
We cause you to die
نَتَوَفَّيَنَّكَ
हम फ़ौत कर दें आपको
then to Us
فَإِلَيْنَا
तो तरफ़ हमारे ही
they will be returned
يُرْجَعُونَ
वो लौटाए जाऐंगे

Faisbir inna wa'da Allahi haqqun faimma nuriyannaka ba'da allathee na'iduhum aw natawaffayannaka failayna yurja'oona (Ghāfir 40:77)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अतः धैर्य से काम लो। निश्चय ही अल्लाह का वादा सच्चा है। तो जिस चीज़ की हम उन्हें धमकी दे रहे है उसमें से कुछ यदि हम तुम्हें दिखा दें या हम तुम्हे उठा लें, हर हाल में उन्हें लौटना तो हमारी ही ओर है

English Sahih:

So be patient, [O Muhammad]; indeed, the promise of Allah is truth. And whether We show you some of what We have promised them or We take you in death, it is to Us they will be returned. ([40] Ghafir : 77)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो (ऐ रसूल) तुम सब्र करो ख़ुदा का वायदा यक़ीनी सच्चा है तो जिस (अज़ाब) की हम उन्हें धमकी देते हैं अगर हम तुमको उसमें कुछ दिखा दें या तुम ही को (इसके क़ब्ल) दुनिया से उठा लें तो (आख़िर फिर) उनको हमारी तरफ लौट कर आना है,