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اَلَآ اِنَّهُمْ فِيْ مِرْيَةٍ مِّنْ لِّقَاۤءِ رَبِّهِمْ ۗ اَلَآ اِنَّهٗ بِكُلِّ شَيْءٍ مُّحِيْطٌ ࣖ  ( فصلت: ٥٤ )

Unquestionably
أَلَآ
ख़बरदार
they
إِنَّهُمْ
बेशक वो
(are) in
فِى
शक में हैं
doubt
مِرْيَةٍ
शक में हैं
about
مِّن
मुलाक़ात से
(the) meeting
لِّقَآءِ
मुलाक़ात से
(with) their Lord?
رَبِّهِمْۗ
अपने रब की
Unquestionably
أَلَآ
ख़बरदार
indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) of all
بِكُلِّ
हर
things
شَىْءٍ
चीज़ का
encompassing
مُّحِيطٌۢ
एहाता करने वाला है

Ala innahum fee miryatin min liqai rabbihim ala innahu bikulli shayin muheetun (Fuṣṣilat 41:54)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

जान लो कि वे लोग अपने रब से मिलन के बारे में संदेह में पड़े हुए है। जान लो कि निश्चय ही वह हर चीज़ को अपने घेरे में लिए हुए है

English Sahih:

Unquestionably, they are in doubt about the meeting with their Lord. Unquestionably He is, of all things, encompassing. ([41] Fussilat : 54)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

देखो ये लोग अपने परवरदिगार के रूबरू हाज़िर होने से शक़ में (पड़े) हैं सुन रखो वह हर चीज़ पर हावी है