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وَلَمَنِ انْتَصَرَ بَعْدَ ظُلْمِهٖ فَاُولٰۤىِٕكَ مَا عَلَيْهِمْ مِّنْ سَبِيْلٍۗ   ( الشورى: ٤١ )

And surely whosoever
وَلَمَنِ
और अलबत्ता जो कोई
defends himself
ٱنتَصَرَ
बदला ले
after
بَعْدَ
बाद
he has been wronged
ظُلْمِهِۦ
अपने (ऊपर) ज़ुल्म के
then those
فَأُو۟لَٰٓئِكَ
तो यही लोग हैं
not
مَا
नहीं
(is) against them
عَلَيْهِم
उन पर
any
مِّن
कोई मुआख़िज़ा
way
سَبِيلٍ
कोई मुआख़िज़ा

Walamani intasara ba'da thulmihi faolaika ma 'alayhim min sabeelin (aš-Šūrā 42:41)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और जो कोई अपने ऊपर ज़ु्ल्म होने के पश्चात बदला ले ले, तो ऐसे लोगों पर कोई इलज़ाम नहीं

English Sahih:

And whoever retaliates after having been wronged – those have not upon them any cause [for blame]. ([42] Ash-Shuraa : 41)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिस पर ज़ुल्म हुआ हो अगर वह उसके बाद इन्तेक़ाम ले तो ऐसे लोगों पर कोई इल्ज़ाम नहीं