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اِسْتَجِيْبُوْا لِرَبِّكُمْ مِّنْ قَبْلِ اَنْ يَّأْتِيَ يَوْمٌ لَّا مَرَدَّ لَهٗ مِنَ اللّٰهِ ۗمَا لَكُمْ مِّنْ مَّلْجَاٍ يَّوْمَىِٕذٍ وَّمَا لَكُمْ مِّنْ نَّكِيْرٍ   ( الشورى: ٤٧ )

Respond
ٱسْتَجِيبُوا۟
लब्बैक कहो
to your Lord
لِرَبِّكُم
अपने रब के लिए
before
مِّن
इससे पहले
before
قَبْلِ
इससे पहले
[that]
أَن
कि
comes
يَأْتِىَ
आ जाए
a Day
يَوْمٌ
एक दिन
(there is) no
لَّا
नहीं कोई टलना
averting
مَرَدَّ
नहीं कोई टलना
for it
لَهُۥ
उसके लिए
from
مِنَ
अल्लाह की तरफ़ से
Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह की तरफ़ से
Not
مَا
नहीं
(is) for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
any
مِّن
कोई जाए पनाह
refuge
مَّلْجَإٍ
कोई जाए पनाह
(on) that Day
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
and not
وَمَا
और नहीं
for you
لَكُم
तुम्हारे लिए
any
مِّن
कोई इन्कार करना
denial
نَّكِيرٍ
कोई इन्कार करना

Istajeeboo lirabbikum min qabli an yatiya yawmun la maradda lahu mina Allahi ma lakum min maljain yawmaithin wama lakum min nakeerin (aš-Šūrā 42:47)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अपने रब की बात मान लो इससे पहले कि अल्लाह की ओर से वह दिन आ जाए जो पलटने का नहीं। उस दिन तुम्हारे लिए न कोई शरण-स्थल होगा और न तुम किसी चीज़ को रद्द कर सकोगे

English Sahih:

Respond to your Lord before a Day comes from Allah of which there is no repelling. No refuge will you have that Day, nor for you will there be any denial. ([42] Ash-Shuraa : 47)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(लोगों) उस दिन के पहले जो ख़ुदा की तरफ से आयेगा और किसी तरह (टाले न टलेगा) अपने परवरदिगार का हुक्म मान लो (क्यों कि) उस दिन न तो तुमको कहीं पनाह की जगह मिलेगी और न तुमसे (गुनाह का) इन्कार ही बन पड़ेगा