وَكَذٰلِكَ اَوْحَيْنَآ اِلَيْكَ قُرْاٰنًا عَرَبِيًّا لِّتُنْذِرَ اُمَّ الْقُرٰى وَمَنْ حَوْلَهَا وَتُنْذِرَ يَوْمَ الْجَمْعِ لَا رَيْبَ فِيْهِ ۗفَرِيْقٌ فِى الْجَنَّةِ وَفَرِيْقٌ فِى السَّعِيْرِ ( الشورى: ٧ )
Wakathalika awhayna ilayka quranan 'arabiyyan litunthira omma alqura waman hawlaha watunthira yawma aljam'i la rayba feehi fareequn fee aljannati wafareequn fee alssa'eeri (aš-Šūrā 42:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और (जैसे हम स्पष्ट आयतें उतारते है) उसी प्रकार हमने तुम्हारी ओर एक अरबी क़ुरआन की प्रकाशना की है, ताकि तुम बस्तियों के केन्द्र (मक्का) को और जो लोग उसके चतुर्दिक है उनको सचेत कर दो और सचेत करो इकट्ठा होने के दिन से, जिसमें कोई सन्देह नहीं। एक गिरोह जन्नत में होगा और एक गिरोह भड़कती आग में
English Sahih:
And thus We have revealed to you an Arabic Quran that you may warn the Mother of Cities [i.e., Makkah] and those around it and warn of the Day of Assembly, about which there is no doubt. A party will be in Paradise and a party in the Blaze. ([42] Ash-Shuraa : 7)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और हमने तुम्हारे पास अरबी क़ुरान यूँ भेजा ताकि तुम मक्का वालों को और जो लोग इसके इर्द गिर्द रहते हैं उनको डराओ और (उनको) क़यामत के दिन से भी डराओ जिस (के आने) में कुछ भी शक़ नहीं (उस दिन) एक फरीक़ (मानने वाला) जन्नत में होगा और फरीक़ (सानी) दोज़ख़ में