يٰعِبَادِ لَاخَوْفٌ عَلَيْكُمُ الْيَوْمَ وَلَآ اَنْتُمْ تَحْزَنُوْنَۚ ( الزخرف: ٦٨ )
"O My slaves!
يَٰعِبَادِ
ऐ मेरे बन्दों
No
لَا
ना
fear
خَوْفٌ
कोई ख़ौफ़ होगा
on you
عَلَيْكُمُ
तुम पर
this Day
ٱلْيَوْمَ
आज
and not
وَلَآ
और ना
you
أَنتُمْ
तुम
will grieve
تَحْزَنُونَ
तुम ग़मगीन होगे
Ya 'ibadi la khawfun 'alaykumu alyawma wala antum tahzanoona (az-Zukhruf 43:68)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'ऐ मेरे बन्दों! आज न तुम्हें कोई भय है और न तुम शोकाकुल होगे।' -
English Sahih:
[To whom Allah will say], "O My servants, no fear will there be concerning you this Day, nor will you grieve, ([43] Az-Zukhruf : 68)