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اَفَرَءَيْتَ مَنِ اتَّخَذَ اِلٰهَهٗ هَوٰىهُ وَاَضَلَّهُ اللّٰهُ عَلٰى عِلْمٍ وَّخَتَمَ عَلٰى سَمْعِهٖ وَقَلْبِهٖ وَجَعَلَ عَلٰى بَصَرِهٖ غِشٰوَةًۗ فَمَنْ يَّهْدِيْهِ مِنْۢ بَعْدِ اللّٰهِ ۗ اَفَلَا تَذَكَّرُوْنَ  ( الجاثية: ٢٣ )

Have you seen
أَفَرَءَيْتَ
क्या फिर देखा आपने
(he) who
مَنِ
उसे जिसने
takes
ٱتَّخَذَ
बना लिया
(as) his god
إِلَٰهَهُۥ
इलाह अपना
his desire
هَوَىٰهُ
अपनी ख़्वाहिशे नफ़्स को
and Allah lets him go astray
وَأَضَلَّهُ
और भटका दिया उसे
and Allah lets him go astray
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
knowingly
عَلَىٰ
इल्म के बावजूद
knowingly
عِلْمٍ
इल्म के बावजूद
and He sets a seal
وَخَتَمَ
और उसने मोहर लगा दी
upon
عَلَىٰ
उसके कान पर
his hearing
سَمْعِهِۦ
उसके कान पर
and his heart
وَقَلْبِهِۦ
और उसके दिल पर
and puts
وَجَعَلَ
और उसने डाल दिया
over
عَلَىٰ
उसकी आँख पर
his vision
بَصَرِهِۦ
उसकी आँख पर
a veil?
غِشَٰوَةً
एक पर्दा
Then who
فَمَن
तो कौन
will guide him
يَهْدِيهِ
हिदायत देगा उसे
after
مِنۢ
बाद
after
بَعْدِ
बाद
Allah?
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के
Then will not
أَفَلَا
क्या भला नहीं
you receive admonition?
تَذَكَّرُونَ
तुम नसीहत पकड़ते

Afaraayta mani ittakhatha ilahahu hawahu waadallahu Allahu 'ala 'ilmin wakhatama 'ala sam'ihi waqalbihi waja'ala 'ala basarihi ghishawatan faman yahdeehi min ba'di Allahi afala tathakkaroona (al-Jāthiyah 45:23)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

क्या तुमने उस व्यक्ति को नहीं देखा जिसने अपनी इच्छा ही को अपना उपास्य बना लिया? अल्लाह ने (उसकी स्थिति) जानते हुए उसे गुमराही में डाल दिया, और उसके कान और उसके दिल पर ठप्पा लगा दिया और उसकी आँखों पर परदा डाल दिया। फिर अब अल्लाह के पश्चात कौन उसे मार्ग पर ला सकता है? तो क्या तुम शिक्षा नहीं ग्रहण करते?

English Sahih:

Have you seen he who has taken as his god his [own] desire, and Allah has sent him astray due to knowledge and has set a seal upon his hearing and his heart and put over his vision a veil? So who will guide him after Allah? Then will you not be reminded? ([45] Al-Jathiyah : 23)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

भला तुमने उस शख़्श को भी देखा है जिसने अपनी नफसियानी ख़वाहिशों को माबूद बना रखा है और (उसकी हालत) समझ बूझ कर ख़ुदा ने उसे गुमराही में छोड़ दिया है और उसके कान और दिल पर अलामत मुक़र्रर कर दी है (कि ये ईमान न लाएगा) और उसकी ऑंख पर पर्दा डाल दिया है फिर ख़ुदा के बाद उसकी हिदायत कौन कर सकता है तो क्या तुम लोग (इतना भी) ग़ौर नहीं करते