وَتَرٰى كُلَّ اُمَّةٍ جَاثِيَةً ۗ كُلُّ اُمَّةٍ تُدْعٰٓى اِلٰى كِتٰبِهَاۗ اَلْيَوْمَ تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ( الجاثية: ٢٨ )
And you will see
وَتَرَىٰ
और आप देखेंगे
every
كُلَّ
हर
nation
أُمَّةٍ
उम्मत को
kneeling
جَاثِيَةًۚ
घुटनों के बल गिरी हुई
Every
كُلُّ
हर
nation
أُمَّةٍ
उम्मत
will be called
تُدْعَىٰٓ
बुलाई जाएगी
to
إِلَىٰ
तरफ़ अपनी किताब के
its record
كِتَٰبِهَا
तरफ़ अपनी किताब के
"Today
ٱلْيَوْمَ
आज के दिन
you will be recompensed
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जाओगे
(for) what
مَا
उसका जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
Watara kulla ommatin jathiyatan kullu ommatin tud'a ila kitabiha alyawma tujzawna ma kuntum ta'maloona (al-Jāthiyah 45:28)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
और तुम प्रत्येक गिरोह को घुटनों के बल झुका हुआ देखोगे। प्रत्येक गिरोह अपनी किताब की ओर बुलाया जाएगा, 'आज तुम्हें उसी का बदला दिया जाएगा, जो तुम करते थे
English Sahih:
And you will see every nation kneeling [from fear]. Every nation will be called to its record [and told], "Today you will be recompensed for what you used to do. ([45] Al-Jathiyah : 28)