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सूरह अल-अह्काफ़ आयत १२

وَمِنْ قَبْلِهٖ كِتٰبُ مُوْسٰٓى اِمَامًا وَّرَحْمَةً ۗوَهٰذَا كِتٰبٌ مُّصَدِّقٌ لِّسَانًا عَرَبِيًّا لِّيُنْذِرَ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا ۖوَبُشْرٰى لِلْمُحْسِنِيْنَ  ( الأحقاف: ١٢ )

And before it
وَمِن
और उससे पहले थी
And before it
قَبْلِهِۦ
और उससे पहले थी
(was the) Scripture
كِتَٰبُ
किताब
(of) Musa
مُوسَىٰٓ
मूसा की
(as) a guide
إِمَامًا
इमाम/ राहनुमा
and a mercy
وَرَحْمَةًۚ
और रहमत
And this
وَهَٰذَا
और ये
(is) a Book
كِتَٰبٌ
किताब है
confirming
مُّصَدِّقٌ
तस्दीक़ करने वाली
(in) language
لِّسَانًا
अर्बी ज़बान में
Arabic
عَرَبِيًّا
अर्बी ज़बान में
to warn
لِّيُنذِرَ
ताकि वो डराए
those who
ٱلَّذِينَ
उन्हें जिन्होंने
do wrong
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
and (as) a glad tidings
وَبُشْرَىٰ
और ख़ुश्ख़बरी है
for the good-doers
لِلْمُحْسِنِينَ
नेकोकारों के लिए

Wamin qablihi kitabu moosa imaman warahmatan wahatha kitabun musaddiqun lisanan 'arabiyyan liyunthira allatheena thalamoo wabushra lilmuhsineena (al-ʾAḥq̈āf 46:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हालाँकि इससे पहले मूसा की किताब पथप्रदर्शक और दयालुता रही है। और यह किताब, जो अरबी भाषा में है, उसकी पुष्टि में है, ताकि उन लोगों को सचेत कर दे जिन्होंने ज़ु्ल्म किया और शुभ सूचना हो उत्तमकारों के लिए

English Sahih:

And before it was the scripture of Moses to lead and as a mercy. And this is a confirming Book in an Arabic tongue to warn those who have wronged and as good tidings to the doers of good. ([46] Al-Ahqaf : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और इसके क़ब्ल मूसा की किताब पेशवा और (सरासर) रहमत थी और ये (क़ुरान) वह किताब है जो अरबी ज़बान में (उसकी) तसदीक़ करती है ताकि (इसके ज़रिए से) ज़ालिमों को डराए और नेकी कारों के लिए (अज़सरतापा) ख़ुशख़बरी है