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सूरह अल-अह्काफ़ आयत १४

اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۚ جَزَاۤءً ۢبِمَا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ   ( الأحقاف: ١٤ )

Those
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
(are the) companions
أَصْحَٰبُ
साथी
(of) Paradise
ٱلْجَنَّةِ
जन्नत के
abiding forever
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
therein
فِيهَا
उसमें
a reward
جَزَآءًۢ
बदला है
for what
بِمَا
बवजह उसके जो
they used (to)
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते

Olaika ashabu aljannati khalideena feeha jazaan bima kanoo ya'maloona (al-ʾAḥq̈āf 46:14)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वही जन्नतवाले है, वहाँ वे सदैव रहेंगे उसके बदले में जो वे करते रहे है

English Sahih:

Those are the companions of Paradise, abiding eternally therein as reward for what they used to do. ([46] Al-Ahqaf : 14)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

यही तो अहले जन्नत हैं कि हमेशा उसमें रहेंगे (ये) उसका सिला है जो ये लोग (दुनिया में) किया करते थे