سَيَقُوْلُ الْمُخَلَّفُوْنَ اِذَا انْطَلَقْتُمْ اِلٰى مَغَانِمَ لِتَأْخُذُوْهَا ذَرُوْنَا نَتَّبِعْكُمْ ۚ يُرِيْدُوْنَ اَنْ يُّبَدِّلُوْا كَلٰمَ اللّٰهِ ۗ قُلْ لَّنْ تَتَّبِعُوْنَا كَذٰلِكُمْ قَالَ اللّٰهُ مِنْ قَبْلُ ۖفَسَيَقُوْلُوْنَ بَلْ تَحْسُدُوْنَنَا ۗ بَلْ كَانُوْا لَا يَفْقَهُوْنَ اِلَّا قَلِيْلًا ( الفتح: ١٥ )
Sayaqoolu almukhallafoona itha intalaqtum ila maghanima litakhuthooha tharoona nattabi'kum yureedoona an yubaddiloo kalama Allahi qul lan tattabi'oona kathalikum qala Allahu min qablu fasayaqooloona bal tahsudoonana bal kanoo la yafqahoona illa qaleelan (al-Fatḥ 48:15)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जब तुम ग़नीमतों को प्राप्त करने के लिए उनकी ओर चलोगे तो पीछे रहनेवाले कहेंगे, 'हमें भी अनुमति दी जाए कि हम तुम्हारे साथ चले।' वे चाहते है कि अल्लाह का कथन को बदल दे। कह देना, 'तुम हमारे साथ कदापि नहीं चल सकते। अल्लाह ने पहले ही ऐसा कह दिया है।' इसपर वे कहेंगे, 'नहीं, बल्कि तुम हमसे ईर्ष्या कर रहे हो।' नहीं, बल्कि वे लोग समझते थोड़े ही है
English Sahih:
Those who remained behind will say when you set out toward the war booty to take it, "Let us follow you." They wish to change the words of Allah. Say, "Never will you follow us. Thus did Allah say before." So they will say, "Rather, you envy us." But [in fact] they were not understanding except a little. ([48] Al-Fath : 15)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
(मुसलमानों) अब जो तुम (ख़ैबर की) ग़नीमतों के लेने को जाने लगोगे तो जो लोग (हुदैबिया से) पीछे रह गये थे तुम से कहेंगे कि हमें भी अपने साथ चलने दो ये चाहते हैं कि ख़ुदा के क़ौल को बदल दें तुम (साफ) कह दो कि तुम हरगिज़ हमारे साथ नहीं चलने पाओगे ख़ुदा ने पहले ही से ऐसा फ़रमा दिया है तो ये लोग कहेंगे कि तुम लोग तो हमसे हसद रखते हो (ख़ुदा ऐसा क्या कहेगा) बात ये है कि ये लोग बहुत ही कम समझते हैं