مَا قُلْتُ لَهُمْ اِلَّا مَآ اَمَرْتَنِيْ بِهٖٓ اَنِ اعْبُدُوا اللّٰهَ رَبِّيْ وَرَبَّكُمْ ۚوَكُنْتُ عَلَيْهِمْ شَهِيْدًا مَّا دُمْتُ فِيْهِمْ ۚ فَلَمَّا تَوَفَّيْتَنِيْ كُنْتَ اَنْتَ الرَّقِيْبَ عَلَيْهِمْ ۗوَاَنْتَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ شَهِيْدٌ ( المائدة: ١١٧ )
Ma qultu lahum illa ma amartanee bihi ani o'budoo Allaha rabbee warabbakum wakuntu 'alayhim shaheedan ma dumtu feehim falamma tawaffaytanee kunta anta alrraqeeba 'alayhim waanta 'ala kulli shayin shaheedun (al-Māʾidah 5:117)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
'मैंने उनसे उसके सिवा और कुछ नहीं कहा, जिसका तूने मुझे आदेश दिया था, यह कि अल्लाह की बन्दगी करो, जो मेरा भी रब है और तुम्हारा भी रब है। और जब तक मैं उनमें रहा उनकी ख़बर रखता था, फिर जब तूने मुझे उठा लिया तो फिर तू ही उनका निरीक्षक था। और तू ही हर चीज़ का साक्षी है
English Sahih:
I said not to them except what You commanded me – to worship Allah, my Lord and your Lord. And I was a witness over them as long as I was among them; but when You took me up, You were the Observer over them, and You are, over all things, Witness. ([5] Al-Ma'idah : 117)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
तूने मुझे जो कुछ हुक्म दिया उसके सिवा तो मैने उनसे कुछ भी नहीं कहा यही कि ख़ुदा ही की इबादत करो जो मेरा और तुम्हारा सबका पालने वाला है और जब तक मैं उनमें रहा उन की देखभाल करता रहा फिर जब तूने मुझे (दुनिया से) उठा लिया तो तू ही उनका निगेहबान था और तू तो ख़ुद हर चीज़ का गवाह (मौजूद) है