يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَنْ يَّرْتَدَّ مِنْكُمْ عَنْ دِيْنِهٖ فَسَوْفَ يَأْتِى اللّٰهُ بِقَوْمٍ يُّحِبُّهُمْ وَيُحِبُّوْنَهٗٓ ۙاَذِلَّةٍ عَلَى الْمُؤْمِنِيْنَ اَعِزَّةٍ عَلَى الْكٰفِرِيْنَۖ يُجَاهِدُوْنَ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَلَا يَخَافُوْنَ لَوْمَةَ لَاۤىِٕمٍ ۗذٰلِكَ فَضْلُ اللّٰهِ يُؤْتِيْهِ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَاللّٰهُ وَاسِعٌ عَلِيْمٌ ( المائدة: ٥٤ )
Ya ayyuha allatheena amanoo man yartadda minkum 'an deenihi fasawfa yatee Allahu biqawmin yuhibbuhum wayuhibboonahu athillatin 'ala almumineena a'izzatin 'ala alkafireena yujahidoona fee sabeeli Allahi wala yakhafoona lawmata laimin thalika fadlu Allahi yuteehi man yashao waAllahu wasi'un 'aleemun (al-Māʾidah 5:54)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
ऐ ईमान लानेवालो! तुममें से जो कोई अपने धर्म से फिरेगा तो अल्लाह जल्द ही ऐसे लोगों को लाएगा जिनसे उसे प्रेम होगा और जो उससे प्रेम करेंगे। वे ईमानवालों के प्रति नरम और अविश्वासियों के प्रति कठोर होंगे। अल्लाह की राह में जी-तोड़ कोशिश करेंगे और किसी भर्त्सना करनेवाले की भर्त्सना से न डरेंगे। यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है, जिसे चाहता है प्रदान करता है। अल्लाह बड़ी समाईवाला, सर्वज्ञ है
English Sahih:
O you who have believed, whoever of you should revert from his religion – Allah will bring forth [in place of them] a people He will love and who will love Him [who are] humble toward the believers, strong against the disbelievers; they strive in the cause of Allah and do not fear the blame of a critic. That is the favor of Allah; He bestows it upon whom He wills. And Allah is all-Encompassing and Knowing. ([5] Al-Ma'idah : 54)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
ऐ ईमानदारों तुममें से जो कोई अपने दीन से फिर जाएगा तो (कुछ परवाह नहीं फिर जाए) अनक़रीब ही ख़ुदा ऐसे लोगों को ज़ाहिर कर देगा जिन्हें ख़ुदा दोस्त रखता होगा और वह उसको दोस्त रखते होंगे ईमानदारों के साथ नर्म और मुन्किर (और) काफ़िरों के साथ सख्त ख़ुदा की राह में जेहाद करेंगे और किसी मलामत करने वाले की मलामत की कुछ परवाह न करेंगे ये ख़ुदा का फ़ज़ल (व करम) है वह जिसे चाहता हे देता है और ख़ुदा तो बड़ी गुन्जाइश वाला वाक़िफ़कार है