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يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَيَبْلُوَنَّكُمُ اللّٰهُ بِشَيْءٍ مِّنَ الصَّيْدِ تَنَالُهٗٓ اَيْدِيْكُمْ وَرِمَاحُكُمْ لِيَعْلَمَ اللّٰهُ مَنْ يَّخَافُهٗ بِالْغَيْبِۚ فَمَنِ اعْتَدٰى بَعْدَ ذٰلِكَ فَلَهٗ عَذَابٌ اَلِيْمٌ   ( المائدة: ٩٤ )

O you
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
who
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
believe!
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
Surely will test you
لَيَبْلُوَنَّكُمُ
अलबत्ता ज़रूर आज़माएगा तुम्हें
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
through something
بِشَىْءٍ
साथ एक चीज़ के
of
مِّنَ
शिकार में से
the game
ٱلصَّيْدِ
शिकार में से
can reach it
تَنَالُهُۥٓ
पा लेंगे उसे
your hands
أَيْدِيكُمْ
हाथ तुम्हारे
and your spears
وَرِمَاحُكُمْ
और नेज़े तुम्हारे
that may make evident
لِيَعْلَمَ
ताकि जान ले
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
who
مَن
कौन
fears Him
يَخَافُهُۥ
डरता है उस से
in the unseen
بِٱلْغَيْبِۚ
ग़ायबाना तौर पर
And whoever
فَمَنِ
तो जो कोई
transgressed
ٱعْتَدَىٰ
ज़्यादती करे
after
بَعْدَ
बाद इसके
that
ذَٰلِكَ
बाद इसके
then for him
فَلَهُۥ
तो उसके लिए
(is) a punishment
عَذَابٌ
अज़ाब है
painful
أَلِيمٌ
दर्दनाक

Ya ayyuha allatheena amanoo layabluwannakumu Allahu bishayin mina alssaydi tanaluhu aydeekum warimahukum liya'lama Allahu man yakhafuhu bialghaybi famani i'tada ba'da thalika falahu 'athabun aleemun (al-Māʾidah 5:94)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह उस शिकार के द्वारा तुम्हारी अवश्य परीक्षा लेगा जिस तक तुम्हारे हाथ और नेज़े पहुँच सकें, ताकि अल्लाह यह जान ले कि उससे बिन देखे कौन डरता है। फिर इसके पश्चात जिसने ज़्यादती की, उसके लिए दुखद यातना है

English Sahih:

O you who have believed, Allah will surely test you through something of the game that your hands and spears [can] reach, that Allah may make evident those who fear Him unseen. And whoever transgresses after that – for him is a painful punishment. ([5] Al-Ma'idah : 94)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

ऐ ईमानदारों कुछ शिकार से जिन तक तुम्हारे हाथ और नैज़ें पहुँच सकते हैं ख़ुदा ज़रुर इम्तेहान करेगा ताकि ख़ुदा देख ले कि उससे बे देखे भाले कौन डरता है फिर उसके बाद भी जो ज्यादती करेगा तो उसके लिए दर्दनाक अज़ाब है