Skip to main content

مَا يُبَدَّلُ الْقَوْلُ لَدَيَّ وَمَآ اَنَا۠ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيْدِ ࣖ   ( ق: ٢٩ )

Not
مَا
नहीं
will be changed
يُبَدَّلُ
बदली जाती
the word
ٱلْقَوْلُ
बात
with Me
لَدَىَّ
मेरे पास
and not
وَمَآ
और नहीं हूँ
I Am
أَنَا۠
मैं
unjust
بِظَلَّٰمٍ
कोई ज़ुल्म करने वाला
to My slaves"
لِّلْعَبِيدِ
बन्दों पर

Ma yubaddalu alqawlu ladayya wama ana bithallamin lil'abeedi (Q̈āf 50:29)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'मेरे यहाँ बात बदला नहीं करती और न मैं अपने बन्दों पर तनिक भी अत्याचार करता हूँ।'

English Sahih:

The word [i.e., decree] will not be changed with Me, and never will I be unjust to the servants." ([50] Qaf : 29)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

मेरे यहाँ बात बदला नहीं करती और न मैं बन्दों पर (ज़र्रा बराबर) ज़ुल्म करने वाला हूँ