وَتَرَكْنَا فِيْهَآ اٰيَةً لِّلَّذِيْنَ يَخَافُوْنَ الْعَذَابَ الْاَلِيْمَۗ ( الذاريات: ٣٧ )
And We left
وَتَرَكْنَا
और छोड़ दी हमने
therein
فِيهَآ
उसमें
a Sign
ءَايَةً
एक निशानी
for those who
لِّلَّذِينَ
उन लोगों के लिए जो
fear
يَخَافُونَ
डरते हैं
the punishment
ٱلْعَذَابَ
अज़ाब
the painful
ٱلْأَلِيمَ
दर्दनाक से
Watarakna feeha ayatan lillatheena yakhafoona al'athaba alaleema (aḏ-Ḏāriyāt 51:37)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
इसके पश्चात हमने वहाँ उन लोगों के लिए एक निशानी छोड़ दी, जो दुखद यातना से डरते है
English Sahih:
And We left therein a sign for those who fear the painful punishment. ([51] Adh-Dhariyat : 37)