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اِصْلَوْهَا فَاصْبِرُوْٓا اَوْ لَا تَصْبِرُوْاۚ سَوَاۤءٌ عَلَيْكُمْۗ اِنَّمَا تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ   ( الطور: ١٦ )

Burn in it
ٱصْلَوْهَا
जलो उसमें
then be patient
فَٱصْبِرُوٓا۟
पस सब्र करो
or
أَوْ
या
(do) not
لَا
ना तुम सब्र करो
be patient
تَصْبِرُوا۟
ना तुम सब्र करो
(it is) same
سَوَآءٌ
बराबर है
for you
عَلَيْكُمْۖ
तुम पर
Only
إِنَّمَا
बेशक
you are being recompensed
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जाते हो
(for) what
مَا
उसका जो
you used (to)
كُنتُمْ
थे तुम
do"
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते

Islawha faisbiroo aw la tasbiroo sawaon 'alaykum innama tujzawna ma kuntum ta'maloona (aṭ-Ṭūr 52:16)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

'जाओ, झुलसो उसमें! अब धैर्य से काम लो या धैर्य से काम न लो; तुम्हारे लिए बराबर है। तुम वही बदला पा रहे हो, जो तुम करते रहे थे।'

English Sahih:

[Enter to] burn therein; then be patient or impatient – it is all the same for you. You are only being recompensed [for] what you used to do." ([52] At-Tur : 16)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

इसी में घुसो फिर सब्र करो या बेसब्री करो (दोनों) तुम्हारे लिए यकसाँ हैं तुम्हें तो बस उन्हीं कामों का बदला मिलेगा जो तुम किया करते थे