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وَاِنْ يَّرَوْا كِسْفًا مِّنَ السَّمَاۤءِ سَاقِطًا يَّقُوْلُوْا سَحَابٌ مَّرْكُوْمٌ   ( الطور: ٤٤ )

And if
وَإِن
और अगर
they were to see
يَرَوْا۟
वो देखें
a portion
كِسْفًا
कोई टुकड़ा
from
مِّنَ
आसमान से
the sky
ٱلسَّمَآءِ
आसमान से
falling
سَاقِطًا
गिरने वाला
they will say
يَقُولُوا۟
वो कहेंगे
"Clouds
سَحَابٌ
बादल हैं
heaped up"
مَّرْكُومٌ
तह-ब-तह

Wain yaraw kisfan mina alssamai saqitan yaqooloo sahabun markoomun (aṭ-Ṭūr 52:44)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यदि वे आकाश का कोई टुकटा गिरता हुआ देखें तो कहेंगे, 'यह तो परत पर परत बादल है!'

English Sahih:

And if they were to see a fragment from the sky falling, they would say, "[It is merely] clouds heaped up." ([52] At-Tur : 44)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और अगर ये लोग आसमान से कोई अज़ाब (अज़ाब का) टुकड़ा गिरते हुए देखें तो बोल उठेंगे ये तो दलदार बादल है