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اِنَّا مُرْسِلُوا النَّاقَةِ فِتْنَةً لَّهُمْ فَارْتَقِبْهُمْ وَاصْطَبِرْۖ   ( القمر: ٢٧ )

Indeed We
إِنَّا
बेशक हम
(are) sending
مُرْسِلُوا۟
भेजने वाले हैं
the she-camel
ٱلنَّاقَةِ
ऊँटनी को
(as) a trial
فِتْنَةً
बतौर आज़माइश
for them
لَّهُمْ
उनके लिए
so watch them
فَٱرْتَقِبْهُمْ
पस इन्तिज़ार करो उनका
and be patient
وَٱصْطَبِرْ
और सब्र करो

Inna mursiloo alnnaqati fitnatan lahum fairtaqibhum waistabir (al-Q̈amar 54:27)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

हम ऊँटनी को उनके लिए परीक्षा के रूप में भेज रहे है। अतः तुम उन्हें देखते जाओ और धैर्य से काम लो

English Sahih:

Indeed, We are sending the she-camel as trial for them, so watch them and be patient. ([54] Al-Qamar : 27)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(ऐ सालेह) हम उनकी आज़माइश के लिए ऊँटनी भेजने वाले हैं तो तुम उनको देखते रहो और (थोड़ा) सब्र करो