يَوْمَ تَرَى الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ يَسْعٰى نُوْرُهُمْ بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَبِاَيْمَانِهِمْ بُشْرٰىكُمُ الْيَوْمَ جَنّٰتٌ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ ذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُۚ ( الحديد: ١٢ )
Yawma tara almumineena waalmuminati yas'a nooruhum bayna aydeehim wabiaymanihim bushrakumu alyawma jannatun tajree min tahtiha alanharu khalideena feeha thalika huwa alfawzu al'atheemu (al-Ḥadīd 57:12)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
जिस दिन तुम मोमिन पुरुषों और मोमिन स्त्रियों को देखोगे कि उनका प्रकाश उनके आगे-आगे दौड़ रहा है और उनके दाएँ हाथ में है। (कहा जाएगा,) 'आज शुभ सूचना है तुम्हारे लिए ऐसी जन्नतों की जिनके नीचे नहरें बह रही है, जिनमें सदैव रहना है। वही बड़ी सफलता है।'
English Sahih:
On the Day you see the believing men and believing women, their light proceeding before them and on their right, [it will be said], "Your good tidings today are [of] gardens beneath which rivers flow, wherein you will abide eternally." That is what is the great attainment. ([57] Al-Hadid : 12)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
जिस दिन तुम मोमिन मर्द और मोमिन औरतों को देखोगे कि उन (के ईमान) का नूर उनके आगे आगे और दाहिने तरफ चल रहा होगा तो उनसे कहा (जाएगा) तुमको बशारत हो कि आज तुम्हारे लिए वह बाग़ है जिनके नीचे नहरें जारी हैं जिनमें हमेशा रहोगे यही तो बड़ी कामयाबी है