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۞ لَهُمْ دَارُ السَّلٰمِ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَهُوَ وَلِيُّهُمْ بِمَا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ   ( الأنعام: ١٢٧ )

For them
لَهُمْ
उनके लिए
(will be) home
دَارُ
घर है
(of) [the] peace
ٱلسَّلَٰمِ
सलामती का
with
عِندَ
पास उनके रब के
their Lord
رَبِّهِمْۖ
पास उनके रब के
And He
وَهُوَ
और वो
(will be) their protecting friend
وَلِيُّهُم
दोस्त है उनका
because
بِمَا
बवजह उसके जो
(of what) they used to
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते

Lahum daru alssalami 'inda rabbihim wahuwa waliyyuhum bima kanoo ya'maloona (al-ʾAnʿām 6:127)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके लिए उनके रब के यहाँ सलामती का घर है और वह उनका संरक्षक मित्र है, उन कामों के कारण जो वे करते रहे है

English Sahih:

For them will be the Home of Peace [i.e., Paradise] with their Lord. And He will be their protecting friend because of what they used to do. ([6] Al-An'am : 127)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

उनके वास्ते उनके परवरदिगार के यहाँ अमन व चैन का घर (बेहश्त) है और दुनिया में जो कारगुज़ारियाँ उन्होने की थीं उसके ऐवज़ ख़ुदा उन का सरपरस्त होगा