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قَدْ خَسِرَ الَّذِيْنَ قَتَلُوْٓا اَوْلَادَهُمْ سَفَهًاۢ بِغَيْرِ عِلْمٍ وَّحَرَّمُوْا مَا رَزَقَهُمُ اللّٰهُ افْتِرَاۤءً عَلَى اللّٰهِ ۗقَدْ ضَلُّوْا وَمَا كَانُوْا مُهْتَدِيْنَ ࣖ   ( الأنعام: ١٤٠ )

Certainly
قَدْ
तहक़ीक़
(are) lost
خَسِرَ
ख़सारे में रहे
those who
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
killed
قَتَلُوٓا۟
क़त्ल किया
their children
أَوْلَٰدَهُمْ
अपनी औलाद को
(in) foolishness
سَفَهًۢا
नादानी से
without
بِغَيْرِ
बग़ैर
knowledge
عِلْمٍ
इल्म के
and forbid
وَحَرَّمُوا۟
और हराम क़रार दिया
what
مَا
उसको जो
(bas been) provided (to) them
رَزَقَهُمُ
रिज़्क़ दिया उनको
(by) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
inventing (lies)
ٱفْتِرَآءً
झूठ गढ़ते हुए
against
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِۚ
अल्लाह पर
Certainly
قَدْ
तहक़ीक़
they have gone astray
ضَلُّوا۟
वो भटक गए
and not
وَمَا
और ना
they are
كَانُوا۟
थे वो
guided-ones
مُهْتَدِينَ
हिदायत पाने वाले

Qad khasira allatheena qataloo awladahum safahan bighayri 'ilmin waharramoo ma razaqahumu Allahu iftiraan 'ala Allahi qad dalloo wama kanoo muhtadeena (al-ʾAnʿām 6:140)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

वे लोग कुछ जाने-बूझे बिना घाटे में रहे, जिन्होंने मूर्खता के कारण अपनी सन्तान की हत्या की और जो कुछ अल्लाह ने उन्हें प्रदान किया था, उसे अल्लाह पर झूठ घड़कर हराम ठहरा दिया। वास्तव में वे भटक गए और वे सीधा मार्ग पानेवाले न हुए

English Sahih:

They will have lost who killed their children in foolishness without knowledge and prohibited what Allah had provided for them, inventing untruth about Allah. They have gone astray and were not [rightly] guided. ([6] Al-An'am : 140)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

बेशक जिन लोगों ने अपनी औलाद को बे समझे बूझे बेवकूफी से मार डाला और जो रोज़ी ख़ुदा ने उन्हें दी थी उसे ख़ुदा पर इफ़तेरा (बोहतान) बाँध कर अपने ऊपर हराम कर डाला और वह सख्त घाटे में है ये यक़ीनन राहे हक़ से भटक गऐ और ये हिदायत पाने वाले थे भी नहीं