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فَقَدْ كَذَّبُوْا بِالْحَقِّ لَمَّا جَاۤءَهُمْۗ فَسَوْفَ يَأْتِيْهِمْ اَنْۢبـٰۤؤُا مَا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ   ( الأنعام: ٥ )

Then indeed
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
they denied
كَذَّبُوا۟
उन्होंने झुठलाया
the truth
بِٱلْحَقِّ
हक़ को
when
لَمَّا
जब
it came to them
جَآءَهُمْۖ
वो आया उनके पास
but soon
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
will come to them
يَأْتِيهِمْ
आऐंगी उनके पास
news
أَنۢبَٰٓؤُا۟
ख़बरें
(of) what
مَا
उसकी जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
[at it]
بِهِۦ
जिसका
mock
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते

Faqad kaththaboo bialhaqqi lamma jaahum fasawfa yateehim anbao ma kanoo bihi yastahzioona (al-ʾAnʿām 6:5)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उन्होंने सत्य को झुठला दिया, जबकि वह उनके पास आया। अतः जिस चीज़ को वे हँसी उड़ाते रहे हैं, जल्द ही उसके सम्बन्ध में उन्हें ख़बरे मिल जाएगी

English Sahih:

For they had denied the truth when it came to them, but there is going to reach them the news of what they used to ridicule. ([6] Al-An'am : 5)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

चुनान्चे जब उनके पास (क़ुरान बरहक़) आया तो उसको भी झुठलाया तो ये लोग जिसके साथ मसख़रापन कर रहे है उनकी हक़ीक़त उन्हें अनक़रीब ही मालूम हो जाएगी