وَمَا عَلَى الَّذِيْنَ يَتَّقُوْنَ مِنْ حِسَابِهِمْ مِّنْ شَيْءٍ وَّلٰكِنْ ذِكْرٰى لَعَلَّهُمْ يَتَّقُوْنَ ( الأنعام: ٦٩ )
Wama 'ala allatheena yattaqoona min hisabihim min shayin walakin thikra la'allahum yattaqoona (al-ʾAnʿām 6:69)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
उनके हिसाब के प्रति तो उन लोगो पर कुछ भी ज़िम्मेदारी नहीं, जो डर रखते है। यदि है तो बस याद दिलाने की; ताकि वे डरें
English Sahih:
And those who fear Allah are not held accountable for them [i.e., the disbelievers] at all, but [only for] a reminder – that perhaps they will fear Him. ([6] Al-An'am : 69)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
और जिन लोगों ने अपने दीन को खेल और तमाशा बना रखा है और दुनिया की ज़िन्दगी ने उन को धोके में डाल रखा है ऐसे लोगों को छोड़ो और क़ुरान के ज़रिए से उनको नसीहत करते रहो (ऐसा न हो कि कोई) शख़्श अपने करतूत की बदौलत मुब्तिलाए बला हो जाए (क्योंकि उस वक्त) तो ख़ुदा के सिवा उसका न कोई सरपरस्त होगा न सिफारिशी और अगर वह अपने गुनाह के ऐवज़ सारे (जहाँन का) बदला भी दे तो भी उनमें से एक न लिया जाएगा जो लोग अपनी करनी की बदौलत मुब्तिलाए बला हुए है उनको पीने के लिए खौलता हुआ गर्म पानी (मिलेगा) और (उन पर) दर्दनाक अज़ाब होगा क्योंकर वह कुफ़्र किया करते थे