Skip to main content

ذٰلِكَ هُدَى اللّٰهِ يَهْدِيْ بِهٖ مَنْ يَّشَاۤءُ مِنْ عِبَادِهٖ ۗوَلَوْ اَشْرَكُوْا لَحَبِطَ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَ   ( الأنعام: ٨٨ )

That
ذَٰلِكَ
ये
(is the) Guidance
هُدَى
हिदायत है
(of) Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह की
He guides
يَهْدِى
वो हिदायत देता है
with it
بِهِۦ
साथ इसके
whom
مَن
जिसे
He wills
يَشَآءُ
वो चाहता है
of
مِنْ
अपने बन्दों में से
His slaves
عِبَادِهِۦۚ
अपने बन्दों में से
But if
وَلَوْ
और अगर
they (had) associated partners (with Allah)
أَشْرَكُوا۟
वो शिर्क करते
surely (would be) worthless
لَحَبِطَ
अलबत्ता ज़ाया हो जाते
for them
عَنْهُم
उनसे
what
مَّا
जो
they used to
كَانُوا۟
थे वो
do
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते

Thalika huda Allahi yahdee bihi man yashao min 'ibadihi walaw ashrakoo lahabita 'anhum ma kanoo ya'maloona (al-ʾAnʿām 6:88)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

यह अल्लाह का मार्गदर्शन है, जिसके द्वारा वह अपने बन्दों में से जिसको चाहता है मार्ग दिखाता है, और यदि उन लोगों ने कहीं अल्लाह का साझी ठहराया होता, तो उनका सब किया-धरा अकारथ हो जाता

English Sahih:

That is the guidance of Allah by which He guides whomever He wills of His servants. But if they had associated others with Allah, then worthless for them would be whatever they were doing. ([6] Al-An'am : 88)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(देखो) ये ख़ुदा की हिदायत है अपने बन्दों से जिसको चाहे उसीकी वजह से राह पर लाए और अगर उन लोगों ने शिर्क किया होता तो उनका किया (धरा) सब अकारत हो जाता