وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ الْكَذِبَ وَهُوَ يُدْعٰىٓ اِلَى الْاِسْلَامِۗ وَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ ( الصف: ٧ )
And who
وَمَنْ
और कौन
(is) more wrong
أَظْلَمُ
ज़्यादा ज़ालिम है
than (one) who
مِمَّنِ
उससे जो
invents
ٱفْتَرَىٰ
गढ़ ले
upon
عَلَى
अल्लाह पर
Allah
ٱللَّهِ
अल्लाह पर
the lie
ٱلْكَذِبَ
झूठ
while he
وَهُوَ
हालाँकि वो
is invited
يُدْعَىٰٓ
वो बुलाया जाता हो
to
إِلَى
तरफ़ इस्लाम के
Islam?
ٱلْإِسْلَٰمِۚ
तरफ़ इस्लाम के
And Allah
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
the people
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
[the] wrongdoers
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं
Waman athlamu mimmani iftara 'ala Allahi alkathiba wahuwa yud'a ila alislami waAllahu la yahdee alqawma alththalimeena (aṣ-Ṣaff 61:7)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
अब उस व्यक्ति से बढ़कर ज़ालिम कौन होगा, जो अल्लाह पर थोपकर झूठ घड़े जबकि इस्लाम (अल्लाह के आगे समर्पण करने) का ओर बुलाया जा रहा हो? अल्लाह ज़ालिम लोगों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता
English Sahih:
And who is more unjust than one who invents about Allah untruth while he is being invited to IsLam. And Allah does not guide the wrongdoing people. ([61] As-Saf : 7)