Skip to main content

سَوَاۤءٌ عَلَيْهِمْ اَسْتَغْفَرْتَ لَهُمْ اَمْ لَمْ تَسْتَغْفِرْ لَهُمْۗ لَنْ يَّغْفِرَ اللّٰهُ لَهُمْۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الْفٰسِقِيْنَ   ( المنافقون: ٦ )

(It) is same
سَوَآءٌ
यक्साँ है
for them
عَلَيْهِمْ
उन पर
whether you ask forgiveness
أَسْتَغْفَرْتَ
ख़्वाह बख़्शिश माँगें आप
for them
لَهُمْ
उनके लिए
or
أَمْ
या
(do) not
لَمْ
ना
ask forgiveness
تَسْتَغْفِرْ
आप बख़्शिश माँगें
for them
لَهُمْ
उनके लिए
Never
لَن
हरगिज़ नहीं
will forgive
يَغْفِرَ
बख़्शेगा
Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह
[to] them
لَهُمْۚ
उन्हें
Indeed
إِنَّ
बेशक
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह
(does) not
لَا
नहीं वो हिदायत देता
guide
يَهْدِى
नहीं वो हिदायत देता
the people
ٱلْقَوْمَ
उन लोगों को
the defiantly disobedient
ٱلْفَٰسِقِينَ
जो फ़ासिक़ हैं

Sawaon 'alayhim astaghfarta lahum am lam tastaghfir lahum lan yaghfira Allahu lahum inna Allaha la yahdee alqawma alfasiqeena (al-Munāfiq̈ūn 63:6)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके लिए बराबर है चाहे तुम उनके किए क्षमा की प्रार्थना करो या उनके लिए क्षमा की प्रार्थना न करो। अल्लाह उन्हें कदापि क्षमा न करेगा। निश्चय ही अल्लाह अवज्ञाकारियों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता

English Sahih:

It is all the same for them whether you ask forgiveness for them or do not ask forgiveness for them; never will Allah forgive them. Indeed, Allah does not guide the defiantly disobedient people. ([63] Al-Munafiqun : 6)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

तो तुम उनकी मग़फेरत की दुआ माँगो या न माँगो उनके हक़ में बराबर है (क्यों कि) ख़ुदा तो उन्हें हरगिज़ बख्शेगा नहीं ख़ुदा तो हरगिज़ बदकारों को मंज़िले मक़सूद तक नहीं पहुँचाया करता