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وَاَطِيْعُوا اللّٰهَ وَاَطِيْعُوا الرَّسُوْلَۚ فَاِنْ تَوَلَّيْتُمْ فَاِنَّمَا عَلٰى رَسُوْلِنَا الْبَلٰغُ الْمُبِيْنُ   ( التغابن: ١٢ )

So obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
Allah
ٱللَّهَ
अल्लाह की
and obey
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
the Messenger;
ٱلرَّسُولَۚ
रसूल की
but if
فَإِن
फिर अगर
you turn away
تَوَلَّيْتُمْ
मुँह मोड़ते हो तुम
then only
فَإِنَّمَا
तो बेशक
upon
عَلَىٰ
ऊपर हमारे रसूल के
Our Messenger
رَسُولِنَا
ऊपर हमारे रसूल के
(is) the conveyance
ٱلْبَلَٰغُ
पहुँचा देना है
clear
ٱلْمُبِينُ
खुल्लम-खुल्ला

Waatee'oo Allaha waatee'oo alrrasoola fain tawallaytum fainnama 'ala rasoolina albalaghu almubeenu (at-Taghābun 64:12)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

अल्लाह की आज्ञा का पालन करो और रसूल की आज्ञा का पालन करो, किन्तु यदि तुम मुँह मोड़ते हो तो हमारे रसूल पर बस स्पष्ट रूप से (संदेश) पहुँचा देने की ज़िम्मेदारी है

English Sahih:

And obey Allah and obey the Messenger; but if you turn away – then upon Our Messenger is only [the duty of] clear notification. ([64] At-Taghabun : 12)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और ख़ुदा की इताअत करो और रसूल की इताअत करो फिर अगर तुमने मुँह फेरा तो हमारे रसूल पर सिर्फ पैग़ाम का वाज़ेए करके पहुँचा देना फर्ज़ है