اَوَلَمْ يَرَوْا اِلَى الطَّيْرِ فَوْقَهُمْ صٰۤفّٰتٍ وَّيَقْبِضْنَۘ مَا يُمْسِكُهُنَّ اِلَّا الرَّحْمٰنُۗ اِنَّهٗ بِكُلِّ شَيْءٍۢ بَصِيْرٌ ( الملك: ١٩ )
Do not
أَوَلَمْ
क्या भला नहीं
they see
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
[to]
إِلَى
तरफ़ परिन्दों के
the birds
ٱلطَّيْرِ
तरफ़ परिन्दों के
above them
فَوْقَهُمْ
अपने ऊपर
spreading (their wings)
صَٰٓفَّٰتٍ
पर फैलाए हुए
and folding?
وَيَقْبِضْنَۚ
और वो समेट लेते हैं
Not
مَا
नहीं
holds them
يُمْسِكُهُنَّ
थामता उन्हें
except
إِلَّا
मगर
the Most Gracious
ٱلرَّحْمَٰنُۚ
रहमान
Indeed He
إِنَّهُۥ
बेशक वो
(is) of every
بِكُلِّ
हर
thing
شَىْءٍۭ
चीज़ को
All-Seer
بَصِيرٌ
ख़ूब देखने वाला है
Awalam yaraw ila alttayri fawqahum saffatin wayaqbidna ma yumsikuhunna illa alrrahmanu innahu bikulli shayin baseerun (al-Mulk 67:19)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
क्या उन्होंने अपने ऊपर पक्षियों को पंक्तबन्द्ध पंख फैलाए और उन्हें समेटते नहीं देखा? उन्हें रहमान के सिवा कोई और नहीं थामें रहता। निश्चय ही वह हर चीज़ को देखता है
English Sahih:
Do they not see the birds above them with wings outspread and [sometimes] folded in? None holds them [aloft] except the Most Merciful. Indeed He is, of all things, Seeing. ([67] Al-Mulk : 19)