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اَمَّنْ هٰذَا الَّذِيْ هُوَ جُنْدٌ لَّكُمْ يَنْصُرُكُمْ مِّنْ دُوْنِ الرَّحْمٰنِۗ اِنِ الْكٰفِرُوْنَ اِلَّا فِيْ غُرُوْرٍۚ   ( الملك: ٢٠ )

Who is
أَمَّنْ
या कौन है
this
هَٰذَا
वो
the one
ٱلَّذِى
जो
he
هُوَ
वो
(is) an army
جُندٌ
लश्कर हो
for you
لَّكُمْ
तुम्हारा
to help you
يَنصُرُكُم
वो मदद करे तुम्हारी
from
مِّن
सिवाए
besides
دُونِ
सिवाए
the Most Gracious?
ٱلرَّحْمَٰنِۚ
रहमान के
Not
إِنِ
नहीं हैं
(are) the disbelievers
ٱلْكَٰفِرُونَ
काफ़िर
but
إِلَّا
मगर
in
فِى
धोखे में
delusion
غُرُورٍ
धोखे में

Amman hatha allathee huwa jundun lakum yansurukum min dooni alrrahmani ini alkafiroona illa fee ghuroorin (al-Mulk 67:20)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

या वह कौन है जो तुम्हारी सेना बनकर रहमान के मुक़ाबले में तुम्हारी सहायता करे। इनकार करनेवाले तो बस धोखे में पड़े हुए है

English Sahih:

Or who is it that could be an army for you to aid you other than the Most Merciful? The disbelievers are not but in delusion. ([67] Al-Mulk : 20)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

भला ख़ुदा के सिवा ऐसा कौन है जो तुम्हारी फ़ौज बनकर तुम्हारी मदद करे काफ़िर लोग तो धोखे ही (धोखे) में हैं भला ख़ुदा अगर अपनी (दी हुई) रोज़ी रोक ले तो कौन ऐसा है जो तुम्हें रिज़क़ दे