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وَقَطَّعْنٰهُمْ فِى الْاَرْضِ اُمَمًاۚ مِنْهُمُ الصّٰلِحُوْنَ وَمِنْهُمْ دُوْنَ ذٰلِكَ ۖوَبَلَوْنٰهُمْ بِالْحَسَنٰتِ وَالسَّيِّاٰتِ لَعَلَّهُمْ يَرْجِعُوْنَ  ( الأعراف: ١٦٨ )

And We divided them
وَقَطَّعْنَٰهُمْ
और टुकड़े-टुकड़े कर दिया हमने उन्हें
in
فِى
ज़मीन में
the earth
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
(as) nations
أُمَمًاۖ
गिरोह-गिरोह (बनाकर)
Among them
مِّنْهُمُ
उनमें से कुछ
(are) the righteous
ٱلصَّٰلِحُونَ
नेक हैं
and among them
وَمِنْهُمْ
और उनमें से
(are) other than
دُونَ
इसके अलावा हैं
that
ذَٰلِكَۖ
इसके अलावा हैं
And We tested them
وَبَلَوْنَٰهُم
और आज़माया हमने उन्हें
with the good
بِٱلْحَسَنَٰتِ
साथ अच्छाइयों के
and the bad
وَٱلسَّيِّـَٔاتِ
और बुराइयों के
so that they may
لَعَلَّهُمْ
शायद कि वो
return
يَرْجِعُونَ
वो रुजूअ करें

Waqatta'nahum fee alardi omaman minhumu alssalihoona waminhum doona thalika wabalawnahum bialhasanati waalssayyiati la'allahum yarji'oona (al-ʾAʿrāf 7:168)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

और हमने उन्हें टुकड़े-टुकड़े करके धरती में अनेक गिरोहों में बिखेर दिया। कुछ उनमें से नेक है और कुछ उनमें इससे भिन्न हैं, और हमने उन्हें अच्छी और बुरी परिस्थितियों में डालकर उनकी परीक्षा ली, कदाचित वे पलट आएँ

English Sahih:

And We divided them throughout the earth into nations. Of them some were righteous, and of them some were otherwise. And We tested them with good [times] and bad that perhaps they would return [to obedience]. ([7] Al-A'raf : 168)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और हमने उनको रूए ज़मीन में गिरोह गिरोह तितिर बितिर कर दिया उनमें के कुछ लोग तो नेक हैं और कुछ लोग और तरह के (बदकार) हैं और हमने उन्हें सुख और दुख (दोनो तरह) से आज़माया ताकि वह (शरारत से) बाज़ आए