۞ هُوَ الَّذِيْ خَلَقَكُمْ مِّنْ نَّفْسٍ وَّاحِدَةٍ وَّجَعَلَ مِنْهَا زَوْجَهَا لِيَسْكُنَ اِلَيْهَاۚ فَلَمَّا تَغَشّٰىهَا حَمَلَتْ حَمْلًا خَفِيْفًا فَمَرَّتْ بِهٖ ۚفَلَمَّآ اَثْقَلَتْ دَّعَوَا اللّٰهَ رَبَّهُمَا لَىِٕنْ اٰتَيْتَنَا صَالِحًا لَّنَكُوْنَنَّ مِنَ الشّٰكِرِيْنَ ( الأعراف: ١٨٩ )
Huwa allathee khalaqakum min nafsin wahidatin waja'ala minha zawjaha liyaskuna ilayha falamma taghashshaha hamalat hamlan khafeefan famarrat bihi falamma athqalat da'awa Allaha rabbahuma lain ataytana salihan lanakoonanna mina alshshakireena (al-ʾAʿrāf 7:189)
Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:
वही है जिसने तुम्हें अकेली जान पैदा किया और उसी की जाति से उसका जोड़ा बनाया, ताकि उसकी ओर प्रवृत्त होकर शान्ति और चैन प्राप्त करे। फिर जब उसने उसको ढाँक लिया तो उसने एक हल्का-सा बोझ उठा लिया; फिर वह उसे लिए हुए चलती-फिरती रही, फिर जब वह बोझिल हो गई तो दोनों ने अल्लाह - अपने रब को पुकारा, 'यदि तूने हमें भला-चंगा बच्चा दिया, तो निश्चय ही हम तेरे कृतज्ञ होंगे।'
English Sahih:
It is He who created you from one soul and created from it its mate that he might dwell in security with her. And when he [i.e., man] covers her, she carries a light burden [i.e., a pregnancy] and continues therein. And when it becomes heavy, they both invoke Allah, their Lord, "If You should give us a good [child], we will surely be among the grateful." ([7] Al-A'raf : 189)
1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi
वह ख़ुदा ही तो है जिसने तुमको एक शख़्श (आदम) से पैदा किया और उसकी बची हुई मिट्टी से उसका जोड़ा भी बना डाला ताकि उसके साथ रहे सहे फिर जब इन्सान अपनी बीबी से हम बिस्तरी करता है तो बीबी एक हलके से हमल से हमला हो जाती है फिर उसे लिए चलती फिरती है फिर जब वह (ज्यादा दिन होने से बोझल हो जाती है तो दोनो (मिया बीबी) अपने परवरदिगार ख़ुदा से दुआ करने लगे कि अगर तो हमें नेक फरज़न्द अता फरमा तो हम ज़रूर तेरे शुक्रगुज़ार होगें