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اِنَّ وَلِيِّ َۧ اللّٰهُ الَّذِيْ نَزَّلَ الْكِتٰبَۖ وَهُوَ يَتَوَلَّى الصّٰلِحِيْنَ  ( الأعراف: ١٩٦ )

Indeed
إِنَّ
बेशक
my protector
وَلِۦِّىَ
मेरा दोस्त
(is) Allah
ٱللَّهُ
अल्लाह है
the One Who
ٱلَّذِى
जिसने
revealed
نَزَّلَ
नाज़िल की है
the Book
ٱلْكِتَٰبَۖ
किताब
And He
وَهُوَ
और वो ही
protects
يَتَوَلَّى
दोस्त रखता है
the righteous
ٱلصَّٰلِحِينَ
सालेहीन को

Inna waliyyiya Allahu allathee nazzala alkitaba wahuwa yatawalla alssaliheena (al-ʾAʿrāf 7:196)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

निश्चय ही मेरा संरक्षक मित्र अल्लाह है, जिसने यह किताब उतारी और वह अच्छे लोगों का संरक्षण करता है

English Sahih:

Indeed, my protector is Allah, who has sent down the Book; and He is an ally to the righteous. ([7] Al-A'raf : 196)

1 Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

(फिर देखो मेरा क्या बना सकते हो) बेशक मेरा मालिक व मुमताज़ तो बस ख़ुदा है जिस ने किताब क़ुरान को नाज़िल फरमाया और वही (अपने) नेक बन्दों का हाली (मददगार) है